
विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने आज आम आदमी पार्टी (आप) के कथित राजनीतिक संरक्षण में हो रहे बड़े पैमाने पर खनन की जांच की मांग की।
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के मुताबिक अवैध खनन को हाई कोर्ट ने भी चेतावनी दी है. मुख्य न्यायाधीश समयबद्ध जांच का आदेश दे सकते हैं और सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विपक्ष के नेता ने कहा कि अवैध खनन के मामले में जांच में पिछली सरकार का कार्यकाल भी शामिल हो सकता है।
राज्य सरकार पर अवैध खनन, नशीली दवाओं के खतरे और कानून-व्यवस्था पर चर्चा से बचने का आरोप लगाते हुए बाजवा ने कहा कि यह विपक्ष को चुप कराने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है।
नेता ने कहा, “सीएम विपक्ष से डरे हुए हैं और खनन से 20,000 रुपये के दावे का जवाब देने से भाग रहे हैं जैसा कि आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने वादा किया था।” उनके मुताबिक खनन से सरकारी खजाने में सिर्फ 125 करोड़ रुपये आये थे. उन्होंने दावा किया कि खनन माफिया से अवैध धन की उगाही आप के कोष में जा रही है।
यदि अन्य राज्यों में बरामदगी कोई संकेत है, तो राजनेताओं और पुलिस के बीच सांठगांठ के परिणामस्वरूप पंजाब से दूसरे राज्यों में शराब की तस्करी की जा रही है।
विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि आप सरकार के तहत अवैध खनन, शराब तस्करी और नशीली दवाओं का दुरुपयोग बढ़ रहा है, उन्होंने दावा किया कि सीएम ने राज्य को पुलिस राज्य में बदल दिया है। उनके अनुसार, आप सरकार ने राज्य की वित्तीय सेहत को बनाए रखने के लिए पिछले 18 महीनों में 71,000 करोड़ रुपये उधार लिए थे।