
बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के भारतीय कुश्ती संघ के नए अध्यक्ष बनते ही महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास का एलान कर दिया |
भारतीय कुश्ती संघ का चुनाव गुरुवार को संपन्न हुआ। पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय ने चुनाव जीत लिया। वह कुश्ती संघ के नए अध्यक्ष बने हैं। उनके चुनाव जीतते ही विवाद खड़ा हो गया। भारत की दिग्गज महिला पहलवान साक्षी मलिक ने नतीजों के कुछ देर बाद ही कुश्ती से संन्यास का एलान कर दिया। भारत के ओलंपिक में पदक जीतने वाली वह पहली महिला पहलवान हैं।
उत्तर प्रदेश के चंदौली के रहने वाले संजय सिंह को ‘बबलू’ के नाम से भी जाना जाता है। वह बृजभूषण शरण सिंह के साथ करीब तीन दशक से काम कर रहे हैं। दोनों के बीच काफी अच्छे संबंध हैं। वह उत्तर प्रदेश के अलावा राष्ट्रीय कुश्ती संघ में भी पदाधिकारी रहे हैं। 2019 में उन्हें भारतीय कुश्ती संघ की कार्यकारी समिति में रखा गया था। वह संयुक्त सचिव चुने गए थे। इसका मतलब यह है कि वह भारतीय कुश्ती संघ की पिछली कार्यकारी परिषद का हिस्सा थे।
संजय सिंह का बचपन से ही कुश्ती से संबंध रहा है। उनके पिता और दादा दंगल कराया करते थे। वह काफी समय से कुश्ती के लिए काम कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संजय 2009 में वाराणसी कुश्ती संघ के जिला अध्यक्ष बने थे। इसके अगले साल ही जब उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ का गठन हुआ तो उन्हें उपाध्यक्ष बनाया गया था। उस समय बृजभूषण शरण सिंह अध्यक्ष बने थे। ऐसा कहा जाता है कि संजय सिंह ने पूर्वांचल में महिला पहलवानों के उत्थान के लिए काफी काम किया है।
चुनाव से पहले की कई खबरों में कहा गया था कि संजय सिंह के खेमे के पास 50 वोट में से 41 का समर्थन है। असम, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, जम्मू कश्मीर और ओडिशा के अलावा लगभग सभी राज्यों के कुश्ती संघ का समर्थन उन्हें मिलने की बात कही गई थी।
बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाले बजरंग, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट की ओर से धरना दिए जाने के बाद पूर्व कुश्ती संघ अध्यक्ष को चुनाव से दूर रहने के लिए कहा गया। बृजभूषण न खुद चुनाव में खड़े हुए और न ही उनके पुत्र और दामाद चुनाव में खड़े हुए। सूत्र बताते हैं कि उन पर संजय सिंह को भी चुनाव से बाहर करने का दबाव बनाया गया, लेकिन यहां बात नहीं बनी। वहीं अब इसके विरोध में महिला पहलवान साक्षी मलिक के फैसले के बाद हर कोई हैरान है |