
मुंबई: महाराष्ट्र राज्य पुरस्कार समारोह में बॉलीवुड अभिनेत्री काजोल ने पत्रकारों से संवाद के दौरान हिंदी में जवाब देने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा,
“हिंदीत बोलू? ज्याला समजायचं आहे त्याला समजेल…”
यानी: “हिंदी में बोलूँ? जिसे समझना है, वह समझ जाएगा।”
यह घटना मुंबई के एसवीपी स्टेडियम, वरळी में 5 अगस्त को आयोजित राज्य पुरस्कार समारोह में हुई, जिसमें मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और संस्कृति मंत्री आशीष शेलार सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
काजोल के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो गया है और यह वक्तव्य महाराष्ट्र में हिंदी-मराठी विवाद को फिर से ताज़ा कर रहा है। कई लोगों ने इसे मराठी भाषा और क्षेत्रीय पहचान के प्रति सम्मान के रूप में देखा है, जबकि कुछ ने इसे भाषाई असहिष्णुता के रूप में भी आलोचना की है।
प्रदेश सरकार ने भी चेतावनी दी है कि किसी को भी मारकाट या भाषाई आधार पर हिंसा की अनुमति नहीं दी जाएगी। मुख्यमंत्री फड़नवीस ने कहा है कि मराठी भाषा के नाम पर किए गए हुल्लड़ और गलत हरकतों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस विवाद के बीच, अजय देवगन, आर माधवन समेत कई बॉलीवुड सेलेब्स ने भाषाई सौहार्द और संवाद की जरूरत पर जोर दिया है। देवगन ने अपनी फिल्म ‘Singham’ की लाइन “Aata Majhi Satakli” का संदर्भ देते हुए कहा कि यह विवाद “गुस्से” से नहीं सुलझेगा, जबकि माधवन ने जोर दिया कि भाषा कभी बाधा नहीं बननी चाहिए।