
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में मंगलवार को लव जिहाद से जुड़े मामलों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2020 से लेकर अब तक लव जिहाद के 283 प्रकरण दर्ज किए जा चुके हैं। इन मामलों में चिंताजनक बात यह है कि 73 नाबालिग किशोरियां भी शिकार बनी हैं।
मुख्यमंत्री ने यह जानकारी विधायक आशीष गोविंद शर्मा के एक लिखित प्रश्न के जवाब में दी। मुख्यमंत्री ने बताया कि इन मामलों में से 173 प्रकरण वर्तमान में न्यायालयों में लंबित हैं। सबसे अधिक 55 मामले इंदौर जिले में और 33 मामले भोपाल जिले में दर्ज किए गए हैं।
राज्य सरकार ने लव जिहाद की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण के लिए वर्ष 2021 में मप्र धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम को लागू किया था। इसके तहत 27 मार्च 2021 से कानून प्रभाव में आया, जो जबरन धर्म परिवर्तन, धोखे से विवाह और भावनात्मक शोषण के मामलों को कड़ा दंड देता है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि ऐसे मामलों की गहन जांच के लिए 4 मई 2025 को राज्य स्तरीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। एसआईटी का उद्देश्य असुरक्षित महिलाओं और बालिकाओं को निशाना बनाकर जबरन या धोखे से धर्म परिवर्तन के मामलों की जांच करना और दोषियों को सजा दिलाना है।
उन्होंने यह भी कहा कि पीड़ित महिलाओं और किशोरियों को कानूनी सहायता, सुरक्षा और पुनर्वास जैसी आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं, ताकि उन्हें न्याय मिल सके और उनका जीवन सुरक्षित हो सके।
राज्य सरकार ने समाज को सुरक्षित और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कड़े कदम उठाने का दावा किया है, वहीं विपक्षी दलों ने इन आंकड़ों को लेकर सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।