
लुधियाना के छोटे-छोटे बच्चे आज देशभर में चर्चा का विषय बने हुए हैं। इन बच्चों ने श्रीलंका में आयोजित एशिया यूथ कराटे चैंपियनशिप में पहला स्थान हासिल कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया है।
इस प्रतियोगिता के लिए पंजाब से केवल दो छात्रों का चयन हुआ था, जिनकी उम्र 10 और 14 वर्ष से कम है। खास बात यह है कि 14 वर्षीय बच्चे ने जहां इस अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता, वहीं 10 साल का बच्चा दो बार वर्ल्ड चैंपियन रह चुका है।
इस शानदार उपलब्धि पर आज लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर हिमांशु जैन ने दोनों बच्चों को सम्मानित किया और उनके हौसले की सराहना की।
प्रतियोगिता में पहला स्थान पाने वाले बच्चे ने बताया कि मुकाबला काफी कठिन था। इसमें पाकिस्तान, भूटान, नेपाल और श्रीलंका जैसे देशों के प्रतिभागी भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि वह रोज़ाना कई घंटे कड़ी मेहनत और प्रैक्टिस करते हैं।
वहीं बच्चों के माता-पिता ने कहा कि उन्हें अपने बच्चों की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर गर्व है, लेकिन पंजाब सरकार की ओर से अब तक कोई आर्थिक सहयोग नहीं मिला है। उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार आगे के टूर्नामेंट्स के लिए उन्हें एयर टिकट, होटल और अन्य ज़रूरी खर्चों की सुविधा दे।
इस मौके पर लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर हिमांशु जैन ने कहा कि पंजाब में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। इन बच्चों ने लुधियाना और पंजाब का नाम रोशन किया है और ये अन्य बच्चों के लिए प्रेरणा स्रोत बनेंगे। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि भविष्य में यदि इन बच्चों को किसी भी तरह की सहायता की ज़रूरत होगी, तो प्रशासन और पंजाब सरकार उनके साथ खड़े रहेंगे।