उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर की तीसरी मंजिल पर स्थित यह पवित्र मंदिर साल में केवल एक दिन—नाग पंचमी के अवसर पर—24 घंटे के लिए खोला जाता है।
उज्जैन, 29 जुलाई 2025:
नाग पंचमी के पावन अवसर पर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर की तीसरी मंजिल पर स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर के कपाट रात 12 बजे खुले और श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए केवल 24 घंटे के लिए खोले गए। यह मंदिर साल में केवल एक दिन ही खुलता है, जिससे इसकी महत्ता और आस्था का स्तर और भी बढ़ जाता

पौराणिक कथा और मान्यता
माना जाता है कि सर्पराज तक्षक ने भगवान शिव को खुश करने के लिए गहन तपस्या की थी। प्रसन्न होकर भोलेनाथ ने उन्हें अमरत्व का वरदान दिया और साथ रहने की अनुमति भी प्रदान की। शिव जी का ध्यान भंग न होने देने के लिए इस मंदिर को केवल नाग पंचमी पर साल में एक दिन खोला जाता है, जिससे तक्षक नाग के दर्शन संभव होते हैं
त्रिकाल पूजा के आयोजन
मंदिर खुले रहने के दौरान त्रिकाल पूजा का विधान है, जिसमें तीन बार पूजा होती है:
- पहली पूजा: मध्यरात्रि 12 बजे पट खुलते ही महानिर्वाणी अखाड़े द्वारा।
- दूसरी पूजा: दिन में दोपहर 12 बजे प्रशासनिक स्तर पर।
- तीसरी पूजा: शाम 7:30 बजे महाकाल मंदिर समिति द्वारा रात्रि आरती के बाद। इसके पश्चात मंदिर के पट फिर बंद कर दिए जाते हैं।
मान्यताएं और धार्मिक महत्व
श्रद्धालुओं की मान्यता है कि इस पूजा और दर्शन से व्यक्ति कालसर्प दोष, नाग दोष या किसी भी प्रकार के दोष से मुक्त होता है। महानिर्वाणी अखाड़ा नारियल बांधकर पूजा विधि संपन्न करता है, और जयघोष के साथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाते हैं
प्रशासनिक व्यवस्था और सुरक्षा बंदोबस्त
इस खास दिन पर हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं, इसलिए प्रशासन ने सख्त सुरक्षा व्यवस्था, समुचित जल-पेय व प्रसाद व्यवस्था, प्रकाश व मार्ग सुविधा, और प्रवेश द्वारों का नियमन सुनिश्चित किया है