अभी की स्थिति और आगे की दिशा
- ग्रैंड मुफ्ती कार्यालय का दावा है कि सजा रद्द कर दी गई है, लेकिन भारत सरकार और यमन से अभी कोई लिखित पुष्टि नहीं।
- मृतक परिवार ने माफी से इंकार किया है, जिससे आगे की बातचीत जटिल बनी हुई है।
- भविष्य में कानूनी प्रक्रिया, कूटनीतिक वार्ता या स्वास्थ्य/आवासीय सहूलियत की संभावनाओं पर वार्ता जारी रह सकती है।

केरल की नर्स निमिषा प्रिया, जिन पर यमन में अपने व्यवसायी साझेदार तलाल अब्दो महदी की हत्या का आरोप था और जिन्हें साल 2020 में मौत की सजा सुनाई गई थी, अब बड़ी राहत में हैं। भारतीय ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम ए. पी. अबूबकर मुसलियार के कार्यालय ने 29 जुलाई 2025 को एक आधिकारिक बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया कि सजा को पहले निलंबित करने के बाद, उसे पूरी तरह रद्द कर दिया गया है। यह निर्णय यमन की राजधानी सना में हुई उच्च‑स्तरीय बैठक के बाद लिया गया था
हालांकि, भारत के विदेश मंत्रालय और यमन सरकार की ओर से कोई लिखित पुष्टि अभी नहीं मिली है। कुछ सूत्रों का कहना है कि इस मामले में हलै या मिलीजुला डेटा साझा किया गया है, लेकिन कोई आधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं आयी है
निमिषा पर आरोप था कि उन्होंने अपने पैसिव और उत्पीड़नकारी व्यवहार वाले संयुक्त साझेदार को नींद की दवा की ओवरडोज देकर मार डाला, जिसके बाद आरोप यह था कि उन्होंने शव के कुछ हिस्सों को टैंक में गिरा दिया मार्फत 2018 में उन्हें दोषी ठहराया गया और 2020 में मौत की सजा सुनाई गई, जबकि यमन की सुप्रीम न्याय परिषद ने 2023 में उनकी सजा को बरकरार रखा सरकार और केरल स्थित संगठनों की कूटनीतिक पहल के चलते 16 जुलाई 2025 को क्रियान्वयन टला
ग्रैंड मुफ्ती कार्यालय की जानकारी के मुताबिक, सना में हुई उस बैठक में यमनी धार्मिक अधिकारियों और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने इस फैसले को सहमति से लिया। साथ ही मृतक की परिवार से ‘ब्लड मनी’ के माध्यम से सुलह की भी बातचीत की गई | लेकिन, उनका परिवार अभी तक माफी देने को तैयार नहीं हुआ है |जब तक यमन सरकार की आधिकारिक घोषणा नहीं होती या भारत सरकार से पुष्टि नहीं मिलती, तब तक मामला असमंजस की स्थिति में है