
पूर्व शिक्षा मंत्री और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) नेता दलजीत सिंह चीमा ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से पंजाबी संस्कृति और भाषा के लिए ‘भेदभावपूर्ण’ होने के बावजूद राज्य के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा लागू की गई शिक्षा नीति पर सरकार की स्थिति स्पष्ट करने को कहा।
यहां एक बयान में चीमा ने कहा कि यह चौंकाने वाली बात है कि राज्य उच्च शिक्षा विभाग नई नीति को लागू करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ बैठक कर रहा है, जबकि कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल सरकारों ने नीति को उसके वर्तमान स्वरूप में लागू करने से इनकार कर दिया है।
पंजाबी साहित्य अकादमी के अनुसार, नई नीति पाठ्यक्रम में पंजाबी क्रेडिट को कम कर देगी और इसे विश्वविद्यालय के अध्ययन बोर्ड की सिफारिशों के बिना एकतरफा लागू किया गया है।