
अमेरिकी विदेश मंत्रालय व ट्रेजरी (OFAC/State Department) ने चल रही ‘मैक्सिमम प्रेशर’ नीति के तहत ईरान के पेट्रोकेमिकल ऑयल ट्रेड में संलिप्तता के आरोप में 6 भारत आधारित कंपनियों को प्रतिबंधित (SDN / ब्लॉकलिस्ट) कर दिया है
प्रभाव: अनुमानित $220 मिलियन से अधिक के लेन‑देनों को अमेरिकी अधिकारियों ने संदेहास्पद माना है
क्या होता है प्रतिबंधित होने से?
– इन कंपनियों की यू.एस. में किसी भी संपत्ति या US‑person नियंत्रण वाली संपत्ति ब्लॉक कर दी गई है।
– अमेरिकी नागरिक/कंपनियाँ अब इनसे कोई भी व्यापार नहीं कर सकतीं।
– यदि यह कंपनियाँ किसी अन्य स्वरूप से 50% या अधिक की हिस्सेदारी रखती हों, तो वे भी स्वतः प्रतिबंधित हो जाती हैं
US की वजह: ईरान से तेल व पेट्रोकेमिकल आयात से प्राप्त राजस्व का उपयोग आतंकवाद‑समर्थन और मध्य-पूर्व में अस्थिरता फैलाने में होने का आरोप। ट्रम्प प्रशासन इसे 2018 के बाद सबसे व्यापक ईरान‑संबंधित कार्रवाई बता रहा है।
US का मकसद ईरानी तेल राजस्व को आतंकवाद और द्वेषपूर्ण गतिविधियों के लिए उपयोग होने से रोकना है। ट्रम्प प्रशासन इसे 2018 के बाद की सबसे बड़ी ईरान‑संबंधित कार्रवाई मानता है।