
केंद्र सरकार दुबई में पूर्व सैनिकों की रिहाई के लिए कदम उठा सकती है तो बंदी सिंहों के लिए क्यों नहीं | अब भगवंत मान की अपनी बेटी कह रही है कि भगवंत मान एक नंबर का झूठा है – विरसा सिंह वल्टोहा
हरसिमरत कौर बादल ने जिस तरह से देश की जेलों में बंद सिंहों की रिहाई के लिए लोकसभा में आवाज उठाई, उसके बाद पंजाब में बीजेपी और अकाली दल के बीच राजनीति पूरी तरह से गर्म होती नजर आई. विरसा सिंह वल्टोहा, जो वरिष्ठ हैं शिरोमणि अकाली दल के नेता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार पर सवाल उठाए.
विरसा सिंह वल्टोहा ने कहा कि उन्हें एक बात की खुशी है लेकिन दुख भी है कि केंद्र सरकार दुबई की जेलों में बंद पूर्व सैनिकों के लिए आवाज उठा रही है और उन्हें रिहा करवा रही है।
लेकिन उनके द्वारा बंदी सिंहों के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जब बीबा हरसिमरत कौर बादल ने बंदी सिंहों की रिहाई के लिए आवाज उठाई तो देश के गृह मंत्री ने उन्हें चुप करा दिया, जो बहुत गलत है. वहीं आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब के पानी को लेकर एक बार फिर पंजाब के मुख्यमंत्री की दोहरी नीति सामने आ रही है.
जिसमें वे हरियाणा में चुनाव जीतने के लिए बयानबाजी कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि पंजाब की जनता इसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी. आगे बोलते हुए बोल्डे ने कहा कि 15 अगस्त को पंजाब की झांकी इसलिए नहीं पेश की गई क्योंकि उस पर पंजाब के मुख्यमंत्री और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तस्वीर लगानी थी, जिस पर सवालिया निशान खड़े हो रहे थे.
जिसे लेकर देश के प्रधानमंत्री और उनकी टीम ने इसे खारिज कर दिया और आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल लगातार अकाली दल को पुनर्जीवित करने में लगे हुए हैं.
और उनके द्वारा शिरोमणि अकाली दल को एकजुट करने के लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके परिणाम स्वरूप दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके की भी अकाली दल में वापसी हो गई है और जल्द ही शिरोमणि अकाली दल से कई बड़े चेहरे जो जो लोग दूसरे दलों में शामिल हो गये हैं, उन्हें भी वापस लाया जायेगा. आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल ने हमेशा पंजाब की भलाई के लिए आवाज उठाई है और हमेशा उठाती रहेगी.
बाइट: विरसा सिंह वल्टोहा शिरोमणि अकाली दल नेता
यहां बता दें कि जैसे ही सांसद हरसिमरत कौर बादल ने बंदी सिंहों की रिहाई के लिए आवाज उठाई तो गृह मंत्री अमित शाह ने बीबा हरसिमरत कौर बादल को चुप कराते हुए कहा कि राजुवाना की ओर से किसी भी कार्रवाई के लिए माफी नहीं मांगी गई है. जिसके चलते उन्हें माफ नहीं किया जा सकता है, इसको लेकर राजनीति लगातार गरमा रही है और एक बार फिर विरसा सिंह वल्टोहा ने केंद्र सरकार पर कई सवालिया निशान उठाए हैं.
वहीं बंदी सिंहों को लेकर एक बार फिर केंद्र सरकार पर सवाल खड़े हो गए हैं. अब देखना होगा कि केंद्र सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और शिरोमणि अकाली दल की ओर से जो बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं कि बड़े नेता फिर से शिरोमणि अकाली दल में शामिल होने आ रहे हैं, ये तो वक्त ही बताएगा.