HomeVideos6 महीने में बना करीब 400 किलो वजनी ताला-चाबी अलीगढ़ से पहुंचा अयोध्या

अयोध्या श्रीराम मंदिर के लिए पहुंचा 400 किलो का ताला और चाबी, 6 महीने में बनकर हुआ तैयार,लगे जय श्री राम के जयकारेअयोध्या में श्रीराम मंदिर परिसर में सबसे बड़ा ताला 400 किलो का ताला बनाने वाले दिवंगत सत्यप्रकाश शर्मा का अधूरा सपना अब पूरा हो जाएगा। शुक्रवार को इस ताले को लेकर अखिल भारत हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव डा. अन्नपूर्णा भारती अयोध्या के लिए रवाना हो गईं। उत्साह में श्रद्धालुओं ने फूल बरसाते हुए जय श्रीराम के नारे भी लगाए। वे इस ताले को श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट को सौंपेगी। यह ताला अलीगढ़ के प्रतीक चिह्न के रूप में अयोध्या में स्थापित किया जाएगा। इस प्रतीक चिह्न को देखकर व्यावसायिक दृष्टि से यहां के ताला कारोबारियों का मनोबल बढ़ेगा।

नौरंगाबाद स्थित बी दास कंपाउंड स्थित मां बगलामुखी मंदिर पर 400 किलो के ताले के हाइड्रा की मदद से मिनी ट्रक में रखवाया गया। इससे पहले ताले पूरी तरह फिट करवाया गया। पूजा करने के बाद ताला और चाबी पर गेंदे के फूल की माला लगाई गई हैं। ताले में जहां चाबी लगती है, वहां पर लाल रंग से जय श्री राम लिखा हुआ है। कड़े पर भगवा रंग का कपड़ा भी लपेटा हुआ है।ताले पर अखाड़ा परिषद व मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी की शिष्या अन्नपूर्णा भारती द्वारा सप्रेम भेंट के साथ उसके निर्माता सत्य प्रकाश शर्मा और रुक्मणी शर्मा का भी लिखा है। जाने से पहले ताले की विधि-विधान से पूजा भी की गई। रुक्मणी शर्मा ने 17 जनवरी को यह ताला डा. भारती को सौंपा था। उस समय यह ताला अधूरा था। उन्होंने उन्हें प्रोत्साहन राशि भी दी है। दिनरात कारीगरों को लगाकार ताले का पूरा निर्माण कराया।ताला के कुशल कारीगर जयगंज के सत्य प्रकाश शर्मा ने अलीगढ़ में अब तक का सबसे बड़ा ताला बनाकर रिकार्ड बनयाा था। साथ ही वे इस ताले को अयोध्या में श्रीराम मंदिर के आसपास किसी चौक पर स्थापित करना चाहते थे।

उन्होंने अपनी पत्नी रुकमणी शर्मा के साथ मिलकर दुनिया का सबसे बड़ा ताला वर्ष 2021 में बनाना शुरू किया। एक वर्ष में इसे तैयार कर लिया। आर्थिक रूप से कमजोर होने के बाद भी करीब तीन लाख रुपये की खर्च किए।इस ताले को उद्योग विभाग की ओर से प्रदर्शनियों में भी रखा गया था। ताला पूरा होने से पहले ही सत्यप्रकाश शर्मा का निधन हो गया। इस ताले की लंबाई 10 फीट, चौड़ाई छह फीट और मोटाई छह इंच है। इसकी चाबी चार फीट लंबी 30 किलो की है। चार फीट के ताले का कड़ा है। सत्यप्रकाश शर्मा का कहना था कि मंदिर अद्भुत बन रहा है। वहां की हर चीज अद्भुत होनी चाहिए।हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक कुमार पाण्डेय ने बताया कि यह ताला सत्य प्रकाश शर्मा ने निर्माण किया था। उनकी मृत्यु के बाद उनके परिवार में कोई भी इस ताले को संभालने वाला नहीं था ।

डा. अन्नपूर्णा भारती ने इस ताले को लेकर रात दिन तैयार करवा कर राम लाल के चरणों में समर्पित करने लिए रवाना हो गई। इस अवसर अभिषेक गुप्ता, हर्ष गुप्ता, मनोज सैनी, बबली उपाध्याय, प्रियव्रत मिश्रा, डा. भगत सिंह सहित सैकड़ो की संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे।