HomeReligiousअयोध्या राम मंदिर में काम पूरा होने से पहले प्राण प्रतिष्ठा करने की क्या जल्दी है ?

आख़िर शंकराचार्य क्यों नाराज़ हैं ?

अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर ‘प्राण प्रतिष्ठा’ (अभिषेक) समारोह होना है। खास बात है कि इस समारोह से चार शंकराचार्य शामिल नहीं होंगे। हालांकि, इन चार शंकराचार्य में से दो लोगों ने अब इस आयोजन को अपना समर्थन देने की बात कही है। इससे पहले एक वीडियो संदेश में जोशीमठ के ज्योर्तिपीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा था कि चारों शंकराचार्यों में से कोई भी अयोध्या में समारोह में शामिल नहीं होगा क्योंकि यह मंदिर निर्माण कार्य पूरा होने से पहले किया जा रहा है। इस संबंध में विश्व हिंदू परिषद् के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने गुरुवार को कहा कि प्राण प्रतिष्ठा का स्वागत करने वाले द्वारका और श्रृंगेरी शंकराचार्यों के बयान पहले से ही सार्वजनिक हैं। उन्होंने कहा कि पुरी शंकराचार्य भी इस समारोह के पक्ष में हैं। कुमार ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि केवल ज्योतिर्पीठ शंकराचार्य ने समारोह के खिलाफ टिप्पणी की है, लेकिन बाकी तीन शंकराचार्यों ने स्पष्ट कर दिया है कि उनके हवाले से दिए गए बयान भ्रामक थे क्योंकि वे समारोह के पूर्ण समर्थन में हैं।

स्वामी अविमुक्तेश्वारनंद ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के समय को लेकर सवाल उठाए हैं। सोशल मीडिया पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज का वीडियो शेयर हो रहा है। इसमें कहा गया है कि चारों शंकराचार्य वहां पर नहीं जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये लोग किसी राग या द्वेष के कारण नहीं जा रहे ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि शंकराचार्यों का यह दायित्व है कि वे शास्त्रविधि का पालन करें और करवाएं। वहां पर शास्त्र विधि की उपेक्षा हो रही है। उन्होंने कहा कि सबसे पहली उपेक्षा यह है कि मंदिर अभी पूरा बना नहीं है और प्रतिष्ठा की जा रही है। कोई ऐसी परिस्थिति नहीं है कि अपने को अचानक कर देना पड़े। ये हमको कहना ही पड़ेगा पूछे जाने पर कि यह ठीक नहीं है।